सचिवालय के साथ-साथ सभी राज्य कर्मियों को चश्में की चिकित्सा प्रतिपूर्ति का शासनादेश जारी करें सरकार-राजा भरत अवस्थी

                                जी0 के0 खरे                               

कानपुर, उ.प्र.सरकार के सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा शासन के समस्त अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव को जारी शासनादेश में यह कहा गया है कि उ.प्र.सरकारी सेवक (चिकित्सा परिचर्या) नियमावली 2011, यथासंशोधित 2014 मे चश्मे की चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति हेतु कोई मानक दर निर्धारित नही है अतः इस मद मे रु. 14000/- की दर पर भुगतान किये जाने का निर्णय लिया गया है परन्तु यह व्यवस्था केवल उ.प्र सचिवालय के कार्मिकों पर ही लागू होगी। स्वाभाविक है कि यह व्यवस्था सचिवालय के सेवारत/ सेवानिवृत्त दोनो पर लागू होगी क्योंकि नियमावली मे दोनो श्रेणी परिभाषित है।


   अब यहीं पर सवाल खड़ा होता है कि यह व्यवस्था सचिवालय से इतर विभागाध्यक्ष कार्यालयों से लेकर ग्रामीण अंचल तक सेवारत अधिकारियों/ कर्मचारियों/सेवानिवृत्तों के लिए  क्यों नहीं ? क्या उनका शरीर कुछ पृथक तत्वों से बना है कि आयु बढ़ने के साथ उनकी आंखों को चश्मे की जरूरत नहीं पड़ेगी ? इस तरह का भेदपरक आदेश जारी करना लोकप्रिय सरकार का कदापि उचित कदम नहीं है।

     राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष राजा भरत अवस्थी ने यह मांग की है कि यह व्यवस्था सचिवालय से लेकर फील्ड तक के समस्त सेवारत/सेवानिवृत्त कार्मिकों पर समान रूप से लागू की जाए। इस तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

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