सिद्धपीठ गौरैया माता के दर्शन को जुटेंगे हजारों श्रद्धालु
गणेश प्रसाद द्विवेदी / प्रयागराज
👉 गुरुवार से शुरू हो रहे नवरात्रों पर सज रहे माता के दरबार
सोरांव
सोरांव मुख्यालय स्थित सिद्ध पीठ गौरैया मंदिर में गुरुवार सुबह से ही हजारों भक्तों का तांता लग जाएगा। माता गौरैया की आराधना करने वाले भक्त मंदिर परिसर में रोट बनाकर चढ़ाने के साथ ही मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। सोरांव कस्बे के मध्य स्थित माता गौरैया का मंदिर पांडवकालीन होने के साथ ही पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित किया गया है। मंदिर का जीर्णोद्धार आज से छह दशक पूर्व स्व सेठ मेवालाल गुप्ता ने करवाया था। घर में कोई संतान न होने पर उन्होंने माता गौरैया की आराधना की थी। बताते हैं उन्ही के आशीर्वाद से उन्हें एक संतान हुई थीं।
मंदिर में स्थापित माता गौरैया हर उस इंसान की मनोकामना पूरी करती हैं जो मन व श्रद्धा से उनकी पूजा अर्चना करता है। मान्यताओं की माने तो सम्राट पृथ्वीराज से बार बार हारने के बाद आल्हा ऊदल को माता गौरैया की शक्तियों का पता चला तो वह अपने घोड़े से माता के दर्शन को आए। इस दौरान उन्होंने गौरैया सरोवर जिसे भीम ने अपनी गदा के प्रहार स्थापित किया था उसमे स्नान कर माता गौरैया की पूजा की। माता को मनाने के बाद ही आल्हा ऊदल को पृथ्वीराज पर विजय प्राप्त हुई। निसंतान दंपति को माता कभी निराश नहीं करती है। मंदिर प्रबंधक संजीव केसरवानी का कहना है कि मंदिर में वैसे तो प्रतिदिन मां के दर्शन के लिए श्रद्धालु आते रहते हैं लेकिन नवरात्रि में आस पास के दर्जनों गांव के भक्त माता का आशीर्वाद लेने के लिए कतारों में लगे रहते हैं।
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