मुफ्त उपचार की उम्मीद से आये मरीजों के साथ छलावा, सरकार का निःशुल्क इलाज का दावा बेअसर

🔹उपलब्ध है जब अच्छी कम्पनी की ब्रांडेड दवाएं फिर क्यों मरीजों को लिखी जा रही हैं कमीशन वाली बाहरी दवाएं।

                         ✍️धीरेन्द्र सिंह राणा✍️                        

फतेहपुर। जनपद के जिला अस्पताल में  निःशुल्क इलाज का दावा बेअसर साबित हो रहा है। कुछ चिकित्सक एक रुपये के सरकारी पर्चे के अलावा छोटी पर्ची पर मरीजों को अलग से दवा लिख रहे हैं। यह स्थिति तब है, जब जिला अस्पताल में अधिकतर रोगों की दवाएं मुफ्त में उपलब्ध है। बता दें कि जब से जनपद फतेहपुर में अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियाव सिंह मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई है तब से मरीजों को प्राचार्य डाक्टर आरपी सिंह के प्रयास से नित नई सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं। आज यहां अधिकतर रोगों के इलाज के लिए अच्छी कम्पनी की ब्रांडेड दवाएं निःशुल्क उपलब्ध है। फिर भी कुछ डाक्टर अपनी आदतों से बाज नही आ रहे हैं, और निजी स्वार्थवश बाहर की कमीशन वाली महंगी दवाएं मरीजों को लिख रहे हैं। जबकि यहां दो प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र भी है जहाँ सस्ती व अच्छी दवायें उपलब्ध है। आपको बता दें कि यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों को बाहर की दवा न लिखने का आदेश भी दे रखा है। इसका अनुपालन बहरहाल जनपद में नहीं होता दिख रहा है। जिला अस्पताल में तो बाहर की दवा लिखने की होड़ मची हुई है।


इस कारण एक ओर जहां गरीब मरीजों की जेब कट रही है, वहीं मुफ्त इलाज का दावा बेमानी साबित हो रहा है। यहां मुफ्त उपचार की उम्मीद लेकर आने वाले मरीजों के साथ छलावा किया जा रहा है। जिला अस्पताल में अधिकतर दवाएं उपलब्ध होने के बावजूद ओपीडी कक्ष संख्या 29 से बाहर की दवाएं धड़ल्ले से लिखी जा रही है। इसके पीछे कमीशन का खेल बताया जा रहा है। जिला अस्पताल में अधिकतर रोगों की दवाएं उपलब्ध बताई जा रही है। बावजूद इसके बाहर की दवा लिखा जाना एक गंभीर विषय है। ऐसे चिकित्सकों की पहचान कर स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे मुफ्त उपचार की उम्मीद से आये मरीजों के साथ छलावा न हो सके।

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