भ्रष्टाचार का अड्डा बनी सदर तहसील, बिना पैसा नहीं होती सुनवाई

                        राजा अवस्थी / फतेहपुर                         

फतेहपुर, प्रदेश के तेजतर्रार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल प्रशासन की तारीफ चाहे जितनी हो परंतु जिले की सदर तहसील में इसका प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है जहां भ्रष्टाचार अपने चरम पर है तभी तो भ्रष्टाचार में लिप्त बाबू / पेशकार के खिलाफ कुछ समय पहले कार्यवाही तो की गई परंतु उसे फिर इसी सीट पर तैनात कर भ्रष्टाचार की खुली छूट दे दी गई तभी तो राधा नगर थाना अंतर्गत रमवा गांव निवासी कमलाकांत उर्फ भोला पुत्र बाबू राम अपने जमीन संबंधी कागजातो को दुरुस्त करवाने के लिए जब उक्त पेशकार के पास पहुंचे तब तहसील में कार्यरत उक्त पेशकार द्वारा मांगे गए रिश्वत का रुपया ना देने पर भोला के कथनानुसार उनको परेशान किया गया और मन माफिक रिश्वत न मिलने की स्थिति में मारने-पीटने का आरोप भी उन्होंने लगाया है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार फतेहपुर जिले के राधा नगर थाना अंतर्गत रमवा गांव निवासी कमलाकांत उर्फ भोला पुत्र बाबू राम ने सदर कोतवाल को एक शिकायती पत्र देते हुए बताया कि बीती 19 जुलाई को दोपहर करीब एक बजे जब वे अपने जमीन संबंधी काम के लिए सदर तहसील गए थे, तब वहां कार्यरत बाबू (पेशकार) धर्मेंद्र उससे पांच सौ रूपये की रिश्वत मांग रहा था। पीड़ित ने बताया कि पैसा ना होने का हवाला देकर उसने पेशकार को ₹100 दिए भी थे परंतु मन माफिक पैसे ना मिलने के कारण पेशकार द्वारा भोला का कार्य नहीं किया गया। भोला के अनुसार  जब वह अपने काम को लेकर उक्त बाबू के पास पुनः पहुंचा तो बाबू ने उससे कहा कि केवल तुम्हारा ही काम मेरे पास नहीं है, मेरे पास और भी बहुत सारे काम है, जिस पर पीड़ित ने पूछ लिया की आपको रिपोर्ट लगाने के लिए कितने दिन का समय और  चाहिए भोले की यही बात पेशकार को नागवार गुजरी और वह भला बुरा कहने लगा।


और इसी बीच भोला अपने मोबाइल से पेशकार के कृत्यों की वीडियो रिकॉर्डिंग करने लगा जिससे बाबू का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया और भोला के कथनानुसार उसने पहले तो उसके हाथ पर जोरदार वार करते हुए मोबाइल को गिरा दिया उसके बाद उसको धक्का देकर गिराने के बाद गाली गलौज कर लात-घूसो से पीटने लगा। आसपास मौजूद लोगों ने उसे छुड़ाकर वहां से भगा दिया, तब वह सदर कोतवाली गया और थानाध्यक्ष को आपबीती बताते हुए पूरे मामले से अवगत कराया और उक्त प्रकरण की प्राथमिकी दर्ज करने के लिए अनुरोध किया परंतु मुकदमा तहसील के पेशकार के खिलाफ था इसलिए उसे थाने से भी दाएं बाएं कर दिया गया जिससे एक बार फिर उसकी भावनाएं आहत हुई अब उसको जिले की मुखिया से कुछ उम्मीद है कि शायद वह उसकी पुकार सुनेगी और उसको न्याय मिलेगा अब देखना यह है कि जिले की न्याय प्रिय जिलाधिकारी इसको लेकर क्या फैसला देती हैं क्या पेशकार को उसके कृत्यों की सजा मिलेगी या फिर इसी सीट पर बैठ कर उसे भ्रष्टाचार का लाइसेंस दे दिया जाएगा।



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