चौथा स्तंभ और उसकी सुरक्षा किसी भी राजनीतिक दलों के एजेंडे में क्यों नहीं ?

                        राजा अवस्थी / फतेहपुर                        

★ पत्रकारों का हित और सुरक्षा का मुद्दा किसी भी राजनीतिक पार्टी के एजेंडे में क्यों नहीं।

★  वर्चुअल मीटिंग में यूपी, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, पंजाब सहित कई राज्यों से पत्रकारो ने भारी हुँकार। 

★  देश मे जल्द लागू हो पत्रकार सुरक्षा कानून।

जर्नलिस्ट काउंसिल आफ इंडिया की राष्ट्रीय स्तर की एक मैराथन वर्चुअल मीटिंग राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. अनुराग सक्सेना की अध्यक्षता में की गई इस बैठक में पत्रकार हितों को लेकर जहां चिंता व्यक्त की गई वहीं पत्रकारों में इस बात को लेकर आक्रोश दिखा कि पक्ष या विपक्ष किसी भी राजनैतिक पार्टी को पत्रकार हितों की चिंता क्यों नहीं है जबकि किसी भी राजनैतिक पार्टी को अर्श से फर्श और फर्श से अर्श तक पहुंचाने में पत्रकारों की महिती भूमिका होती है पत्रकार इस बात को लेकर भी चिंतित दिखे कि हर मोर्चे पर बेहतर कार्य करने वाले हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री पत्रकार हितों की बात क्यों नहीं करते।


ढाई घंटे से भी ज्यादा देर तक चली इस मैराथन बैठक में संगठन के राष्ट्रीय, प्रादेशिक एवं स्थानीय पत्रकारों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने बेबाक विचार व्यक्त किये। इस क्रम में अपना मत रखते हुए संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आज पत्रकारों के ऊपर बेवजह हमले हो रहे हैं उन्हें बिना किसी कारण के प्रताड़ित किया जा रहा है आज पत्रकार स्वतंत्र होकर अपना कार्य नहीं कर पा रहा है आज जब सब कुछ डिजिटल हो रहा है तब ई पेपर को मान्यता न देना कहां तक नीति संगत है। देश में पत्रकार अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है परंतु सरकार द्वारा उसके लिए पत्रकार सुरक्षा कानून न पारित करना, पत्रकारों के लिए अलग कानून न बनाना, स्थानीय पत्रकारों की उपेक्षा, पत्रकारों के प्रति सरकार के मंसूबों को दर्शाता है।

इसी क्रम में संस्था के राष्ट्रीय संयोजक डाॅ. आर सी श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार को पत्रकारों के हित की रक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून अविलंब लागू करना चाहिए। और पत्रकारों के लिए अलग कानून तथा गाइडलाइन सरकार को यथाशीघ्र बनाना चाहिए।

बिहार के वरिष्ठ पत्रकार एवं वरिष्ठ पदाधिकारी कुणाल भगत ने कहा कि बिहार में भी पत्रकारों को बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है और फ़र्ज़ी मुकदमे लिखे जा रहे हैं।

राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं वरिष्ठ पत्रकार अशोक झा ने कहा कि पत्रकार सुरक्षा कानून पर सरकार को अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए ताकि पत्रकार सुरक्षा की भावना से कार्य कर सके।

राष्ट्रीय पदाधिकारी एवं वरिष्ठ पत्रकार हरिशंकर पाराशर ने कहा कि पत्रकारों को अपने हक की लड़ाई लड़नी ही होगी।

वरिष्ठ पदाधिकारी एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ विवेक कुमार ने कहा कि पत्रकारों को आपसी भेदभाव भुलाकर मजबूती से अपनी लड़ाई लड़नी होगी।

वरिष्ठ पदाधिकारी निखिल के0 डी0 वर्मा ने कहा कि बंगाल में पत्रकारों के साथ जो हुआ वैसा ही माहौल पूरे देश में बनाया जा रहा है पत्रकारों को प्रताड़ित किया जा रहा है जो किसी बिहार में बर्दाश्त के काबिल नहीं है हम सब एकजुट होकर अपना हक लेकर रहेंगे।

वरिष्ठ पत्रकार राजा अवस्थी एवं रामानंद ने कहा कि संगठन के सभी पदाधिकारी को शीर्ष नेतृत्व पर पूरा भरोसा है और पूरा संगठन शीर्ष नेतृत्व के साथ है हम किसी भी लड़ाई के लिए पीछे नहीं हटेंगे।

वरिष्ठ पदाधिकारी एवं वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र पांडे ने कहा कि सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है परंतु पत्रकारों के लिए अलग कानून नहीं बना पाई है यह देश के लिए और पत्रकारों के लिए दुर्भाग्य का विषय है।

इसी प्रकार से करीब आधा सैकड़ा से ज्यादा लोगों ने पत्रकार हित एवं पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर अपने विचार व्यक्त किये और सरकार से मांग की कि पत्रकार जो अपने अस्तित्व और वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं उनके साथ न्याय किया जाए ताकि वह निर्भीक होकर बिना किसी दबाव के निष्पक्ष रूप से अपना कार्य कर सकें।

विचार व्यक्त करने वालों में वरिष्ठ पत्रकार एवं वरिष्ठ पदाधिकारी डाॅ. विवेक पाठक, अशोक झा, निखिल के0 डी0 वर्मा, संजय, कुणाल भगत, हरिशंकर पाराशर,कोसांग पटनायक, नागेंद्र पांडे, विजय कुमार, शशि कुमार ,सुमन, रामानंद ,राघवेंद्र त्रिपाठी, संजय कुमार, राजेश कुमार, एसपी चौधरी ,आशीष कुमार प्रमाणिक, अंशिका ओझा, निर्मित कुमार, राजीव रंजन, जितेंद्र पाठक ,दिया नंदिनी ,विक्रांत, राज लूनिया, राजेश पांडे ,संजय कुमार सिंह, अब्दुल बासित ,विवेक पटनायक, राजा अवस्थी सहित लगभग आधा सैकड़ा से अधिक पत्रकार साथी मौजूद रहे जिनका कहना था कि यदि सरकार पत्रकारों की मांगे नहीं मानती है और पत्रकारों के लिए अलग से कानून एवं पत्रकार सुरक्षा कानून नहीं लागू करती है तो संगठन पूरे दम खम के साथ पत्रकारों की लड़ाई लड़ेगा।


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