हे! राष्ट्रकवि तेरी वाणी, नित नई चेतना भरती.......
गिरिराज शुक्ला "लालपूत" / फतेहपुर
-- राष्ट्रकवि पं0 सोहनलाल द्विवेदी की स्मृति में आयोजित हुई काव्य-संध्या
फतेहपुर। साहित्य विकास समिति, बिन्दकी के बैनर तले राष्ट्रकवि पंडित सोहनलाल द्विवेदी की स्मृति में काव्य-संध्या का आयोजन किया गया।
राष्ट्रकवि पं. सोहनलाल द्विवेदी की जयंती की पूर्व संध्या पर उनकी स्मृति में वासंतिक काव्य-समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जनपद और गैर जनपद के कवियों और शायरों ने शिरकत की। राष्ट्रकवि सोहनलाल द्विवेदी के चित्र पर पुष्पांजलि करके सभी ने उन्हें याद किया। कार्यक्रम की शुरूआत आकांक्षा द्विवेदी ने वाणी-वंदना से हुई। वहीं संचालन हयातउल्ला नजमी ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वेदप्रकाश मिश्र ने किया वहीं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोकनाथ पाण्डेय रहे। कार्यक्रम में आये आगन्तुकों का समिति के सदस्यों सुरेश अवस्थी, रामबली सिंह, राजकुमार सोनी ने माला पहनाकर स्वागत किया।
कार्यक्रम में मृत्युंजय पाण्डेय ने पढ़ा ‘’लेखनी गह क्रांति जगाई, रचा गौरव बेमिसाल’’, उमाशंकर ओमर ने पढ़ा ‘’हे राष्ट्रकवि तेरी वाणी, नित नई चेतना भरती’’, हयातउल्ला नजमी ने पढ़ा ‘’झूंठ के दाम हैं हज़ारों में, हर सू बिकता दिखे बज़ारों में’’, राजकुमार कुमार गुप्त नलिन ने पढ़ा ‘’पपड़ाये अधर पर, जागी अनुबुझी प्यास’’, सीमा मिश्रा ने पढ़ा ‘’बन्जारा मन खोज रहा है, खुशियों का इक मेला’’, आकांक्षा द्विवेदी ने पढ़ा ‘’हे युगदृष्टा, हे युग नायक सदा तुम्हारा अभिनंदन’’, वेद प्रकाश मिश्र ने पढ़ा ‘’थे विभूति बिन्दकी की मेरे पं0 सोहनलाल द्विवेदी’’। इसके अलावा रज्जनलाल श्रीवास्तव, भाईया जी अवस्थी, आरती गुप्ता, चंद्रशेखर बेदी, सईदा खान, अरूण द्विवेदी "अनु" , सुनील पुरी, ज्ञानेन्द्र प्रकाश, गौरव सिंह अबोध, कृष्ण कुमार नवीन आदि ने भी अपना काव्य-पाठ प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में क्षेत्रीय लोगों और साहित्य प्रेमियों की खासी भीड़ रही।
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