रिश्तों में वक़्त दीजिए, बड़े बड़े तोहफ़े नहीं..! ताजमहल दुनिया ने देखा है, मुमताज़ ने नहीं..!! .

                    अजय कुमार गुप्ता / हमीरपुर                      

जरा सोचिए, हमारा समाज कहाँ जा रहा है ?... एक विशेष प्रदर्शनी जो भारत के मानवीय मूल्यों को शर्मसार होता दिखा रही है... यह कंपनी जो अंतिम संस्कार क्रिया करवाएगी... कम्पनी की सदस्यता फीस है 37500/- रुपए... जिसमें अर्थी, पंडित, नाई, कंधा देने वाले, साथ में चलने वाले, राम नाम सत्य बोलने वाले सभी कम्पनी के ही होंगे... और तो और अस्थियां विसर्जन भी कम्पनी ही करवाएगी...


इसे देश का New start up भी समझ सकते हैं, जो अभी 50 लाख प्रॉफिट तो कमा चुकी है, परंतु आने वाले समय में उसका कारोबार 2000 करोड़ होने की संभावना है... क्योंकि कंपनी को पता है कि हिन्दुस्तान में रिश्ते निभाने का टाईम किसी के पास नहीं है... ना बेटे के पास... न भाई के पास... और न ही किसी अन्य रिश्तेदारों के पास... !      https://www.facebook.com/sukhantfuneral/

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