तलहरी के दौरान ‘क्या करें-क्या न करें एडवाइजरी जारी

                   अजय कुमार गुप्ता / हमीरपुर                      

 


हमीरपुर । अरुण कुमार मिश्रा अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) ने राहत आयुक्त उत्तर प्रदेश के पत्र संख्या-4981/रा0आ0का0/2023-24, दिनांक 20.12.2023 के माध्यम से प्रदेश में अत्यधिक ठण्ड एवं शीतलहरी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के दृष्टिगत निराश्रित एवं असहाय तथा कमजोर वर्ग के असुरक्षित व्यक्तियों को राहत प्रदान करने के निर्देश दिये गये है  । शीतलहरी के दृष्टिगत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन  प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा शीतलहरी के दौरान ‘क्या करें-क्या न करें एडवाइजरी प्रेषित की गयी है  । जिलाधिकारी महोदय द्वारा शीतलहरी के दौरान कम्बल वितरण, अलाव जलाये जाने एवं शेल्टर होम की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने हेतु समस्त तहसीलों/संबंधित विभागों को विस्तृत निर्देश दिए गये है  । शीतलहरी एवं पाला से बचाव के संबंध में ‘‘क्या करें, क्या न करें‘‘ एडवाइजरी को सोशल मीडिया, प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराये जाने हेतु प्रेषित किया गया है  । विवरण निम्नवत् हैः- 

शीतलहरी से बचाव हेतु एडवाइजरी

सामान्य निर्देश 

1. कोयलें की अंगीठी/मिट़टी तेल का चूल्‍हा/हीटर इत्‍यादि का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें तथा कमरें में शुद्ध हवा का आवागमन/वेंटिलेशन/वायु-संचार बनायें रखें  ।

2. ठंड लगने के लक्षणों जैसे हांथ-पांव सुन हो जाना, हांथ पैरे की उंगलियों में सफेद या नीले रंग के दाग उभर आने पर नजदीकी अस्‍पताल से सम्‍पर्क करें । 

3. शरीर को गर्म रखने के लिए पोषक आहार जैसे सूखें फल, खजूर, चाय, कॉफी, सूप आदि का सेवन करें ।

4. हाइपोथर्मिया (शरीर के असामान्य तापमान) के लक्षण जैसे याददास्त का कमजोर पड़ना, असीमित ठिठुरना, सुस्ती, थकान, तुतलाना तथा कार्य में भटकाव इत्यादि के लक्षणों महसूस होने पर तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें ।

5. शरीर को गर्मी प्रदान करने के लिये स्वस्थ भोजन खाएं एवं पीने के लिये गैर-मादक पेय पदार्थ का प्रयोग करें । 

6. मौसम और आपातकालीन प्रतिक्रिया की जानकारी के लिए सभी मीडिया स्रोतों के माध्यम से निगरानी रखें ।

यातायात हेतु निर्देश 

1. गन्ना तथा भूसा ढोने वाले गाडियों जैसे-ट्रॉली, ट्रक, बैलगाड़ी पर क्षमता से अधिक गन्ना न लादें ।

2. सर्दियों में गाड़ियों में फॉग लाईट का इस्तेमाल करें ।

3. गाडियों आगे व पीछे रेडियम पट्टी का प्रयोग करें । 

4. भार ढोने वाले वाहन के चालक इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पीछे से आ रही एम्बुलेंस को रास्ता दें ।

5. वाहन में हमेशा प्राथमिक उपचार किट अवश्य रखें ।

6. शॉल व कम्बल ओढ़कर वाहन न चलायें । 

7. दोपहिया वाहन चालक शीतलहरी/ठंड में बहुत आवश्यक होने पर ही घर से वाहन लेकर बाहर निकलें, दोपहिया वाहन चालक शीतलहरी/ठंड में बाहर निकलते समय गर्म कपडे, दस्ताने, चश्मा, हेलमेट पहन कर निकलें ।

8. दोपहिया वाहन चालक शीतलहरी में वाहन को धीमें चलायें इससे खुद के साथ-साथ दुसरों को भी सुरक्षित रख सकते है ।



पशुओं हेतु निर्देश 

1. ठंड के मौसम में पशुओं को थनैला मिल्क फीवर नेमोटाइटिस आदि रोग होने का खतरा रहता है इसलिए पशुओं को समय-समय पर चिकित्सक को दिखाते रहें पशुओं को रात में खुले पेड़ के नीचे अथवा घर से बाहर ना निकालें ।

2. पशुओं को ठंड के समय में गुड़ व कैल्शियम टॉनिक पिलाएं पशुओं को ठंड के मौसम में जूट की बोरी अथवा घर में पड़ा पुराना कंबल उढाएं  ।

3. प्रेगनेंट पशुओं को ठंड लगने की ज्यादा संभावना होती है उनके पास अलाव जलाकर रखें लेकिन यह भी ध्यान में रखें कि अलाव पशुओं से कुछ दूरी पर ही जलाऐं जिससे पशुओं को कोई नुकसान ना पहुंचे ।

4. पशुओं को ठंड के मौसम में स्नान कराने से परहेज करना चाहिए ।

5. पशुओं के नीचे बैठने वाले स्थान पर पराली/गन्ने की पत्ती जरूर डालें ।

कृषि हेतु निर्देश 

1. शीत लहर और पाला फसलों को काला रतुआ, सफेद रतुआ, पछेती झुलसा आदि बीमारियों सहित बीमारियों के कारण नुकसान पहुंचाता है  । शीत लहर अंकुरण, विकास, फूल, उपज और भंडारण जीवन में विभिन्न प्रकार के शारीरिक व्यवधानों का भी कारण बनती है  ।

2. सर्दी से होने वाली बीमारी के लिए उपचारात्मक उपाय करें जैसे बोर्डो मिश्रण का स्प्रे या बेहतर जड़ विकास को सक्रिय करने के लिए कॉपर ऑक्सी-क्लोराइड, फॉस्फोरस (पी) और पोटेशियम (के) का स्प्रे करें ।

3. ठंड के दौरान हल्की और लगातार सतही सिंचाई (पानी की उच्च विशिष्ट गर्मी) करें ।

4. यदि संभव हो तो स्प्रिंकलर सिंचाई (संक्षेपण-आसपास की गर्मी को छोड़ना) का उपयोग करें ।

5. ठंड प्रतिरोधी पौधों/फसलों/किस्मों की खेती करें  ।

6. सर्दियों के दौरान नर्सरी और युवा फलों के पौधों को प्लास्टिक से ढककर या छप्पर बनाकर विकिरण अवशोषण को बढ़ाएं और गर्म तापीय व्यवस्था प्रदान करें ।

7. बागवानी और बगीचों में अंतरफसल खेती का प्रयोग करें ।

8. सब्जियों की मिश्रित फसल, जैसे टमाटर, बैंगन, सरसों जैसी लंबी फसल के साथ/अरहर की दाल आदि की फसल करें जिससे ठंडी हवाओं से बचाव हो सके ।

शीतलहर/ठण्ड से बचाव की जानकारी के लिये जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण, हमीरपुर द्वारा जारी क्यू-आर कोड अपने मोबाईल से  स्कैन करें।


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