मोहर्रम की दसवीं तारीख को कस्बे में निकाले गए ताजिया व जुलूस

             ★          राजा अवस्थी           ★               

जहानाबाद /फतेहपुर... आज का दिन मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे अहम और पवित्र है आज मोहर्रम की दसवीं तारीख है मोहर्रम की दसवीं तारीख को योम- ए -आशूरा कहा जाता है आशूरा के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग मातम मनाते हैं इसके अलावा आज के दिन ताजिया और जुलूस निकाले जाते हैं।आज कस्बे के मोहल्ला कोड़ा से ताजिया व जुलूस निकलकर लालू गंज तिराहा से होते हुए लालू गंज बाजार बाकरगंज  चौक मुचिया ना थाने में उड़ होते हुए कर्बला में समाप्त हुए कस्बे के समाजसेवी पूर्व चेयरमैन हाफिज अनवर उल हक ने बताया कि आज के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग मातम मनाते हैं इसके अलावा आज के दिन ताजिया और जुलूस निकाले जाते हैं जिसमें लोग हज़रत इमाम हुसैन और उनके साथ शहीद हुए लोगों को याद कर खुद को जख्मी भी करते हैं।


कस्बे के चेयरमैन आबिद हसन ने कहा कि ताजिया हजरत इमाम हुसैन की कब्र के प्रतीक के रूप में होता है मोहर्रम के महीने में ही पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन कर्बला की जंग में शहीद हुए थे कर्बला की इस लड़ाई में हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीद हुए थे लड़ाई में इमाम हुसैन और उनके परिवार के छोटे-छोटे बच्चों को भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया था इसलिए मोहर्रम में सबीले  लगाई जाती हैं यानी कि  लोगों को पानी पिलाया जाता है भूखों को खाना खिलाया जाता है मोहर्रम के दौरान मुस्लिम धर्म के लोग हर तरह के चमक धमक से दूर रहते हैं इस ताजिया व जुलूस में थानाध्यक्ष अनिरुद्ध कुमार द्विवेदी अपने दल बल के साथ एवं अन्य थानो से आए पुलिस फोर्स ने सुरक्षा व्यवस्था व देखरेख पूर्ण रूप से किया ।

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