बकरीद के मौके पर दैनिक भारत मंजरी के संपादक मंडल की तरफ से भारत मंजरी परिवार के साथ देशवासियों को ढेर सारी शुभकामनाएं प्रेषित की है

 


भारत वसुधैव कुटुंबकम की सोच वाला सशक्त राष्ट्र है यहां पर विविध संस्कृति और भाषा भासी लोगों का अभूतपूर्व संगम देखने को मिलता है इसीलिए तो हमारा देश "अनेकता में एकता" की भावना रखता है जो हमारे चहुमुखी विकास और सशक्त भारत का प्रतीक है।

आज देश में इस्लाम के अनुयायियों यानी कि हमारे मुस्लिम भाइयों द्वारा ईद-उल-अजहा का त्यौहार मनाया जा रहा है कुर्बानी के इस मुकद्दस मौके पर हम अपने देश और विश्व के सबसे बड़ी आबादी वाले राष्ट्र तथा विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र का निवासी होने पर फक्र महसूस करते हैं और भारत मंजरी परिवार के सभी सदस्यों के साथ साथ देशवासियों को भी शुभकामनाएं प्रेषित करते हैं इस उम्मीद के साथ की बिना किसी लालच के अपनों की भलाई देश की भलाई के लिए अपनी प्यारी से प्यारी चीज को देश हित में कुर्बान करने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।

हमारे आजादी के दीवानों की कुर्बानी ने ही आज हमें एक आजाद माहौल दिया है और उन्हीं के कुर्बानी की वजह से आज हम आजाद भारत के आज़ाद वातावरण में सांस ले रहे हैं हमें उनकी कुर्बानी का भी सदैव ध्यान रखना चाहिए ताकि हमारी एकता अखंडता और देशभक्ति सदैव कायम रहे और हमारा हर कदम देश हित के लिए समाज हित के लिए हो।

मित्रों सबसे पहले हम आपको हमें जो भी जानकारी है या किदवंतियों के आधार पर जो भी प्रचलित है उसके आधार पर इस त्यौहार के बारे में संक्षिप्त वर्णन करेंगे यदि मेरी जानकारी में कहीं भी कोई कमी हो तो आप मुझे उसको सुधारने के लिए सलाह दे सकते हैं जो मुझे सहर्ष स्वीकार होगा। प्रचलित किदवंतियों के आधार पर हजरत इब्राहिम अल्लाह के रास्ते पर चलने वाले नेक बंदे थे और सदैव ही अपना हर प्रयास समाज हित के लिए करते थे परंतु उनके कोई औलाद नहीं थी उन्होंने बहुत इबादत की उनकी सेवा और भक्ति से प्रसन्न होकर अल्लाह ने उन्हें एक चांद सा पुत्र दिया उन्होंने जिनका नाम इस्माइल रक्खा उसके बाद अल्लाह ने अपने भक्त हज़रत इब्राहिम की परीक्षा लेना चाहा और सपने में उनको आदेश दिया गया कि वह अल्लाह की राह में कुर्बानी दे, तब हजरत इब्राहिम ने ऊंट की कुर्बानी दी परंतु अल्लाह द्वारा वह कुर्बानी स्वीकार नहीं की गई और सपने में उन्हें बताया गया की अल्लाह को उनकी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी चाहिए जब हजरत इब्राहिम अपने सभी जानवरों की कुर्बानी दे चुके और फिर उनको फिर कुर्बानी देने के लिए सपना आया तो उन्होंने सोचा कि अब मेरे पास मेरे बेटे से ज्यादा प्यारा कोई नहीं है उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि वह बेटे को तैयार कर दे मैं बेटे की कुर्बानी दूंगा पत्नी ने यह सुनकर बेटे को तैयार कर दिया हजरत इब्राहिम बेटे को लेकर कुर्बानी देने के लिए चल पड़े जब कुर्बानी देने का मौका आया तो मामला बेटे का था कहीं दिल जवाब ना दे जाए यह सोचकर उन्होंने आंख पर पट्टी बांध ली और बेटे की कुर्बानी दे दी परंतु यह क्या जब उन्होंने आंख से पट्टी खोली उनकी आंख खुली तो उन्होंने पाया कि एक दुम्बे की कुर्बानी हो गई है और बेटा इस्माइल कुछ दूर पर खेल रहा है अल्लाह ने खुश होकर हज़रत इब्राहीम को पैगम्बर बना दिया, बस यही से ईद-उल-अजहा में बकरे की कुर्बानी दी जाने लगी। परंतु कुर्बानी के लिए भी एक शर्त है की बकरे को कुर्बानी के काफी समय पहले से अपने पास रखा जाता है और उसे बेहतर खाना दिया जाता है तथा अपने बेटे की तरह प्यार किया जाता है क्योंकि अल्लाह की राह में अपने प्यारी चीज की कुर्बानी देनी होती है।

इस अवसर पर हमारे उप संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार आसिफ कुरैसी ने समस्त देशवासियों को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए उनकी खुशहाली की कामना की है, अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा है कि, प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी ना करें, कुर्बानी खुली जगहों पर न करें बल्कि खून इत्यादि जमीन खोदकर उसके अंदर दफन कर दें, नाली में ना बहाएं, क्योंकि मजहबी तौर पर इसकी मनाही है, कुर्बानी का वीडियो ना बनाएं और सोशल मीडिया पर वायरल ना करें, नमाज बेहतर हो कि ईदगाह में ही अदा करें, मेरा आपसे निवेदन है इस अवसर पर अपनी सभी बुराइयों की, बुरी सोच की कुर्बानी अवश्य दें और आपसी सामंजस्य और प्यार मोहब्बत बनाकर रखें अल्लाह इसी का तो भूखा है अल्लाह यही तो चाहता है कि हमारे नेक बंदे आपस में मिलजुल कर रहे उनके बीच में भाईचारा कायम रहे इसलिए नमाज के बाद समाज और देश हित के लिए अवश्य दुआ करें।

हमारी उप संपादक पूजा जी ने इस अवसर पर समस्त देशवासियों को अपनी शुभकानाएं प्रेषित करते हुए कहा है कि कुर्बानी के त्योहार के मुकद्दस मौके पर हैम अपने मुस्लिम भाई बहनों के साथ समस्त देशवासियों से उम्मीद करते हैं कि कुर्बानी के इस त्योहार से हमें सीख लेने चाहिए कि हमें अपने पड़ोसियों, नगर वासियों एवं देश वासियों की खुशी के लिए, बेहतरी के लिए हर प्रयास करेंगे, भाईचारे की भावना रखते हुए बासुदेव कुटुम्बकम की परिकल्पना को साकार करेंगे। अपने राष्ट्र भारत को बेहतर बनाने के लिए जो भी प्रयास कर सकते हैं करना चाहिए हमारा देश आज यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के नेतृत्व में विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है विश्व में हमारा एक विशेष स्थान है जो हम सबके साझा प्रयास का फल है हमें अपने भारत राष्ट्र को और महान बनाने के लिए प्रयत्नशील रहना है हमें जो भी जिम्मेदारियां समाज से मिली हैं उनका ईमानदारी और लगन के साथ पालन करना है।

इस अवसर पर हमारे उप संपादक गिरीश कुमार खरे एवं राजा अवस्थी ने भी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए एक भारत नेक भारत की भावनाओं को दिल में रखते हुए देश हित में कार्य करने के लिए कहा है उन्होंने कहा है कि भारत राष्ट्र को मजबूत बनाने में हम सबका सामूहिक प्रयास है जो रंग ला रहा है और आज भारत विश्व गुरु बनने की कगार पर है।

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