नौ लाख से बनी इंटरलॉकिंग पहली बारिश में ध्वस्त

गणेश द्विवेदी

200 मीटर इंटरलॉकिंग कई जगह से उखड़ी

सोरांव, प्रयागराज

50 घरों के आने जाने का रास्ता भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। प्रमुख निधि से 9 लाख की लागत से बनी इंटरलॉकिंग पहली बारिश में ही उखड़ गई, जिसके चलते आने जाने वाले लोगों को फजीहत का सामना करना पड़ रहा है इससे मोहल्ले में काफी रोष व्याप्त है।

प्रदेश सरकार कितना भी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की कोशिश करें लेकिन आम जनमानस को इसका खामियाजा भुगतना ही पड़ता है। लगभग 50 घरों को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली इंटरलॉकिंग मात्र 6 महीने में ही बह गई। हालात यह है कि कई स्थानों से इंटरलॉकिंग के किनारे उखड़ गए हैं जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रयागराज प्रतापगढ़ हाईवे उसे सटा सोरांव ग्राम सभा का कोठारी मोहल्ला मुख्य मार्ग से महज 200 मीटर की दूरी पर है। मुख्य मार्ग से अपने घरों में जाने के लिए लोगों को कच्चे रास्ते पर जाना पड़ता था। जिसके चलते ब्लाक प्रमुख प्रदीप पासी ने जनवरी माह में प्रस्ताव पारित कर 9 लाख की लागत से 200 मीटर का इंटरलॉकिंग का काम कराया। इंटरलॉकिंग का निर्माण होने पर आने जाने में सहूलियत हुई तो लोगों को इस बात की खुशी हुई। लेकिन पहली बारिश ने इंटरलॉकिंग के भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी। इंटरलॉकिंग के जोड़ कई स्थानों से उखड़ गए हैं इसके चलते टूटे-फूटे रास्तों से आने जाने में लोगों को काफी परेशानी उठाना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि कार्यदायी संस्था ने इंटरलॉकिंग बनाने में मानक के विपरीत कार्य किया। जिसके चलते इंटरलॉकिंग 6 महीने में ही ध्वस्त हो गई। इस बाबत ब्लाक प्रमुख प्रदीप पासी ने बताया कि कार्यदायी संस्था को अभी काम के लिए भुगतान नहीं किया गया है। कार्यदाई संस्था से दोबारा लॉकिंग का काम कराया जाएग।


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