आज से नहीं होंगे मांगलिक कार्य

विवाह,मुंडन, कर्ण छेदन, उपनयन संस्कार,नामकरण जैसे 

शुभकार्य नहीं होंगे 


आर डी दोसर

आज़ से होलाष्टक शुरू हो जाएगा ऐसे में होलिका दहन के दिन से 7 मार्च तक किसी प्रकार मांगलिक कार्य नहीं होंगे इस दिन से पूजन, अर्चन,दान आदि किए जाने से अनंत गुना फल की प्राप्ति होगी गंगा स्नान करना भी श्रेस्कर होता है

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से पूर्णिमा तिथि तक होलाष्टक माना जाता है

इस अवधि में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं ज्योतिषियों के अनुसार जिस तरह सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का सूतक होता है वैसे ही होली पर्व से आठ दिन पूर्व तक होलाष्टक मनाया जाता है इस दौरान गृह प्रवेश, विवाह,मुंडन, कर्ण छेदन,उप नयन संस्कार, नामकरण संस्कार व अन्य मांगलिक कार्य नहीं किया जाना चाहिए यह अवधि भगवान के भजन,पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ है इस अवधि में होलिका दहन के लिए चिन्हित स्थल पर लकड़ियां रखने का विधान है ताकि होलिका दहन की रात्रि में उसका दहन किया जा सके इस अवधि में गंगा स्नान किया जाना चाहिए दान दक्षिणा भी करना श्रेष्ठकर होगा।


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