पूर्व पीएम पर हत्या का मिथ्या आरोप लगाने वाले अभियुक्त सहित 4 दर्जन के विरुद्ध लीगल ऐक्शन

 आशीष कुमार मिश्र/विशेष संवाददाता प्रयागराज

--- ग्रुप निर्माता सहित एडमिन पैनल भी निशाने पर। 

प्रयागराज। पूर्व पीएम पर हत्या का बेहद गंभीर आरोप लगाने वाले कुंदन शुक्ल सहित 4 दर्जन से अधिक लोगों को आरोपी बनाकर उनके विरुद्ध हाई कोर्ट इलाहाबाद के एडवोकेट आर के पाण्डेय ने लीगल ऐक्शन लेते हुए अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का खुला दुरूपयोग करने वालों पर कार्यवाही की मांग की है।


इधर कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि कुछ लोग, कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने निजी स्वार्थ को लेकर हिंदुत्व व इससे जुड़े लोगों व संस्थानों पर बेवजह कीचड़ उछालने से बाज नहीं आ रहे हैं अभी एक प्रकरण स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ रामचरितमानस पर कुठाराघात करने पर विधानसभा में हमारे यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उसका सही उत्तर देते हुए सिद्ध कर दिया गया कि अभी हिंदू ग्रंथों के बारे में और अधिक गूढ़ जानकारी एवं अध्ययन की आवश्यकता है। कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के चलते ओछी हरकतों से बाज नहीं आते हैं ऐसे ही लोगों पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता आर के पांडेय द्वारा कड़ा रुख अख्तियार करते हुए देश के महान विभूतियों की छवि खराब करने को लेकर एक शिकायत उच्च न्यायालय में दाखिल किया गया है और आरोप लगाने वाले व्यक्ति से उक्त के संबंध में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए कहा है।


   जानकारी के अनुसार ब्राह्मणों के एक सोशल मीडिया ग्रुप में एडमिन कुंदन शुक्ल द्वारा पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई पर दो अन्य पूर्व प्रधानमंत्रियों की हत्या कराने का बेहद संगीन आरोप लगाया गया परंतु उक्त आरोप के साक्ष्य मांगे जाने पर जवाब दे पाने में असमर्थ कुंदन शुक्ल तथा उसके समर्थक ग्रुप निर्माता सहित एडमिन पैनल के चार दर्जन से अधिक लोगों के विरुद्ध हाई कोर्ट इलाहाबाद के एडवोकेट आर के पाण्डेय ने लीगल ऐक्शन लेते हुए कम्प्लेंट केस की प्रक्रिया अपनाई है। इस संदर्भ में आर के पाण्डेय का कहना है कि आज जब हमारा भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है तब कुछ लोग आपसी सौहार्द्र एवं गंगा जमुनी तहजीब को अस्त-व्यस्त करने के लिए तत्पर है जो किसी भी स्थिति में हम देशभक्त भारतवासियों को कतई स्वीकार नहीं है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आवश्यक है परंतु उसका दुरूपयोग करने वालों के विरुद्ध विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका को सख्त कानूनी कार्यवाही करके सामाजिक सौहार्द कायम करना चाहिए।

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