नियम कानून को ताक पर रख लोगों को नियम बताती है खाकी, जनसामान्य में दोहरी व्यवस्था के खिलाफ आक्रोश

👉 कानून के रखवाले बेलगाम, जनता कर रही त्राहीमाम।

👉योगी जी के प्रदेश में एक ही तरीके के अपराध पर दो तरीके के कानून कैसे संभव ?

👉 तुम करो तो रासलीला, हम करें तो करेक्टर ढीला।

यह अक्सर देखा जाता है कि कानून के रक्षकों  के द्वारा ही कानून की धज्जियां बनाई जाती है अगर इसका ताजा उदाहरण देखना हो तो आप अमौली पुलिस चौकी क्षेत्र में चले जाइए जहां दोपहिया चार पहिया वाहनों पर नियम कानून का रोब जताते हुए या तो आपकी गाड़ी का चालान कर दिया जाता है या फिर ........

जी हां मैं बात कर रहा हूं अमौली चौकी के सिपाहियों की जिनपर नियमों की खिल्ली उड़ाने का आरोप लगा है। अमौली पुलिस को लेकर स्थानीय लोगों की शिकायत है कि हमारा तो चालान कर दिया जाता है परंतु चौकी के सिपाही एक बाइक पर बिना हेलमेट और बिना हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट की सवारी पर अक्सर सड़कों पर घूमते देखे जाते हैं अब सवाल यह उठता है कि क्या नियम-कानून सिर्फ आम जनता के लिए ही बनाए गए हैं ? क्या पुलिस कर्मियों को इस मामले में कुछ विशेष छूट दी गई है यदि पुलिसकर्मी ही कानून का पालन नहीं करेंगे, तो जनता से नियमों के पालन की अपेक्षा कैसे की जा सकती है? इस मामले को लेकर आमजन में नाराजगी बढ़ रही है और लोगों ने मांग की है कि आम जनता की तरह ही सिपाहियों पर भी नियम विरुद्ध कार्य करने पर वैसी ही कार्रवाई की जाए जैसा की आम जनता के साथ की जाती है। स्थानीय लोगों के अनुसार कानून सभी के लिए समान होना चाहिए। यदि आम जनता पर नियमों का कड़ाई से पालन करवाया जाता है, तो पुलिसकर्मियों पर भी कानून की जानकारी होने के बावजूद कानून का पालन न करने को लेकर दंड स्वरूप दुगना चालान लगाकर पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों को मिसाल पेश करनी चाहिए।


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