फतेहपुर संसदीय क्षेत्र में खिलेगा कमल, या चलेगी साइकिल

                                  राजा अवस्थी                                  

आसमान से बरसती आग की परवाह किए बिन लोगों ने लगभग 57% वोटिंग की।

भागती रही अधिकारियों की टीम इसके बावजूद होली सराय में हो गया विवाद।

नींबू के बगीचे से निकल सपा कार्यकर्ताओं ने घेर लिया मेरी गाड़ी और किया गाली गलौज और मारपीट का प्रयास  - साध्वी निरंजन ज्योति

यदि मेरी सिक्योरिटी व्यवस्था न होती तो कुछ भी कर सकते थे सपा कार्यकर्ता  - साध्वी निरंजन ज्योति

फतेहपुर, कल यानी की 20 मई 2024 को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनावी महापर्व का पांचवा चरण था आसमान से बरसती आग और 43 डिग्री पर तने हुए पारे को धता बताते हुए लोगों ने लगभग 57% वोट किया जो लगभग पिछली बार के बराबर रहा। 

वैसे तो भारतीय जनता पार्टी से वर्तमान सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री तथा दो बार से लगातार सांसद रही साध्वी निरंजन ज्योति मैदान में है तो वही सपा की साइकिल पर सवार नरेश उत्तम पटेल मैदान में डटे हुए हैं। फतेहपुर से हाथी का वर्वचस्व कायम करने के लिए मायावती ने डॉक्टर मनीष सचान को अपनी दावेदारी पेश करने के लिए टिकट दिया है।

वैसे तो फतेहपुर संसदीय क्षेत्र से तीन प्रमुख दावेदार हैं परंतु यदि सीधी टक्कर देखी जाए तो भाजपा की साध्वी निरंजन ज्योति एवं सपा के नरेश उत्तम पटेल के बीच है। फतेहपुर में 6 विधानसभाओं को मिलाकर कुल 2008463 वोटर है जिसमें सदर विधानसभा में  368764 वोट हैं  जहां 56.5 % वोट पडें हैं।  बिंदकी विधानसभा में 319024 वोट हैं जहां 57.61 %वोट पड़े हैं। हुसैनगंज विधानसभा में 381054 वोट है जहां 58.53 % वोट पड़े हैं। खागा विधानसभा में 346196 वोट है जहां 56.28 % वोट पड़े हैं। आयाह साह विधानसभा में 280328 वोट हैं जहां 54.73 वोट  पड़े हैं। जातिय आधार पर तो वोटो का ध्रुवीकरण हुआ ही है तो वहीं पर राजनीतिक छात्रपों द्वारा भी भीतर घात करते हुए वोटो का ध्रुवीकरण किया गया है। जिले में भू माफियाओं के वर्वचस्व जिन्होंने सरकारी एवं तलाबी जमीनों को भी राजनीतिज्ञों का वरदहस्त होने के चलते बेच डाला है ऐसे क्रियाकलापों ने भी भाजपा को काफी बड़ी चोट पहुंचाई है। एक तरफ कुछ वोटर ऐसे थे जिन्हें मोदी मॉडल पसंद था और उनका मानना था कि मोदी के शासन काल में देश ने तरक्की की है और भारत पांचवीं सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनकर उभरा है। विश्व की बड़ी से बड़ी हस्तियां अब हिंदुस्तान के आंख से आंख मिलाने से घबराने लगी है भारत अब किसी दूसरे के दबाव में नहीं अपने हितों को सर्वोपरि करते हुए कार्य करता है तो ऐसे लोगों ने कमल के फूल पर एक बार फिर विश्वास जताया है तो वहीं  दूसरी तरफ कुछ लोगों ने अखिलेश के बेरोजगारी, मोदी जी द्वारा झूठे वादे, किसानों को एमएसपी ना देना, परीक्षाओं के पेपर लीक और जाति आधार पर आरक्षण न देने को लेकर तथा राहुल गांधी के विकास मॉडल की परिकल्पना को तरज़ीह देते हुए  इंडी गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी नरेश उत्तम पटेल की साइकिल पर सवार होकर सुहाने सफर पर निकलना ही बेहतर समझा है। तो वहीं पर डॉ मनीष सचान जो बसपा के उम्मीदवार थे उन्होंने बसपा के बेस वोटरों पर अपना ध्यान केंद्रित करने के अतिरिक्त अन्य वोटरो को भी लुभाने का प्रयास किया परंतु इतने के बावजूद भी ऐसा नहीं लगता है कि वह सीधे तौर पर कहीं लड़ाई में है या उन्होंने फतेहपुर के चुनाव को त्रिकोणीय बना दिया है।

कुल मिलाकर फतेहपुर संसदीय क्षेत्र में  सांसद के चुनाव लिए मुख्य लड़ाई भाजपा की साध्वी निरंजन ज्योति एवं सपा के नरेश उत्तम पटेल के बीच ही है और इनमें से किसी के लिए भी जीत इतनी आसान नहीं होगी क्योंकि इस बार वोटरों ने अपना मुंह बंद रखते हुए वोटिंग की है जिससे बड़े-बड़े राजनीतिक गणितग्यों की गणित फेल होते हुए देखी जा सकती है। हो कुछ भी सीधे टक्कर की लड़ाई में कोई किसी से कम नहीं है। हमारे स्थानीय संवाददाताओं के स्थिति अवलोकन के अनुसार इस बार की जीत हार मात्र 50000 वोटो के आसपास ही रहेगी वैसे पांचवें चरण के मतदान के बाद यदि आकलन किया जाए तो इस पांचवें चरण में दो-तीन सीटों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर सीटें  सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में ही जाने की उम्मीद है। वास्तविकता क्या है यह तो 4 जून को जब परिणाम आएंगे तभी पता चलेगा परंतु यदि वोटो का प्रतिशत घटता है तो यह सत्ताधारी पार्टी के लिए चिंता का और चेतने का विषय है और इस पर ठोस रणनीति बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है। आवश्यकता है अपने चहेतों पर निगाह बनाकर रखने की ताकि जनता का विश्वास कायम रहे, आवश्यकता है भू माफियाओं पर नकेल कसने की, आवश्यकता है जनता के बीच में रहने की और उसकी समस्याओं को सुनकर वास्तविकता के आधार पर निष्पक्ष रूप से उसका निस्तारण करने की।


इस चुनाव से शासन प्रशासन को भी चेतने की आवश्यकता है क्योंकि यदि शासन प्रशासन एक्टिव मोड में रहता तो शायद होलीसराय जैसी घटनाओं को बल ना मिल पाता जिसमें एक पार्टी विशेष के लोगों पर दूसरी पार्टी के लोगों को वोट न देने और वोट देने से रोकने का कुत्सित प्रयास किया गया। इस घटना के संबंध में भाजपा की प्रत्याशी साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि उन्हें चारों तरफ से घेर लिया गया और गाली गलौज करते हुए मारपीट करने का प्रयास किया गया उन्होंने कहा था कि यदि हमारी निजी सुरक्षा न होती तो शायद हमारे ऊपर हमला करके घायल कर दिया गया होता।






 



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