जायडेक्स की नई तकनीक जायटोनिक तकनीक से किसान को खेती में मिलेगा फायदा

                                  जी0 के0 खरे                               

 डॉ. शैलेन्द्र  ने किसानों को इस तकनीक के बारे में बताया

कानपुर देहात। किसान भाइयों के लिए जायडेक्स की नई तकनीक जायटोनिक तकनीक से तैयार धान एवं सब्जी की फसलों जैसे कि भिंडी, परवल , धनिया का प्रदर्शन करना एवं अंततः जायटोनिक उत्पादों के उपयोग से भूमि को बेहतर बनाकर रासायनिक उर्वरकों एवं रासायनिक दवाओं के प्रयोग को कम कर लाभकारी सतत जैविक खेती करना।  लोगों को जमीन सुधार के प्रति जागरूक करने पर चर्चा एवं रबी फसलों जैसे कि गेहूं, आलू , सरसों में प्रयोग के लिए प्रेरित करना जाइटोनिक तकनीक के उपयोग से पानी की बचत और विपरीत परिस्थितियों में बेहतर फसल प्रबंधन पर भी चर्चा की गई।  डॉ. शैलेन्द्र सर ने किसानों को जायटॉनिक तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी दी  इसके बारे में पूरी जानकारी दी। कि कैसे किसान गोधन का प्रयोग कर गोबर का सही खाद बना सकते है और उसके उपयोग से अपनी फसल को स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।


  आदेश श्रीवास्तव जी और करुणेश जी ने सभी उत्पादों के बारे में जानकारी दी।  कार्यक्रम की शुरुआत नेहा जी ने की और कार्यक्रम का समापन महेंद्र शुक्ला ने किसानों को धन्यवाद देकर किया।  वहां मौजूद 10 उपयोगकर्ता किसानों ने विभिन्न फसलों जैसे आलू, धान, गेहूं, सरसों, टमाटर, गोभी, मूली, मटर, बैंगन आदि में ज़ाइटोनिक के उपयोग के लाभों पर अपने अनुभव भी साझा किए।लगभग 10-12 गांवों के 537 से अधिक किसानों ने भाग लिया

इस दौरान ज़ायडेक्स के प्रतिभागी:- सीओओ, डॉ. शैलेन्द्र सिंह, डीजीएम:- डॉ. संतोष मिश्रा, आरएम: करुणेश कुमार, कृषि विज्ञानी: आदेश श्रीवास्तव, नेहा और महेंद्र शुक्ला आदि लोंग मौजूद रहे।

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