माहवारी स्वच्छता दिवस पर जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन

अजय गुप्ता 

 नहाते समय साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें - देवेंद्र गांधी

हमीरपुर, समर्थ फाउन्डेशन व सहयोग द्वारा माहवारी दिवस पर जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन लर्निंग एंड अवेयरनेस सेंटर में किया गया। इसमें माहवारी को लेकर चर्चा हुई। किशोरियों और महिलाओं को जागरूक किया गया।ग्राम चंदूपुर में किशोरियों को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि माहवारी को लेकर अभी भी महिलाओं और लड़कियों में तमाम भ्रांतिया और बंधन है, उन्हें तोड़ना होगा।ग्राम कुतुबपुर में किशोरियों को जागरूक करते हुए रोशनी ने कहा कि माहवारी के दौरान स्वच्छता बहुत जरूरी है। इसमें लापरवाही से कई तरह की बीमारियां हो सकती है।ग्राम खरौंज ने किशोरियो को जागरूक करते हुए गोल्डी ने कहा कि पुरानी परपंरागत सोच को बदलना होगा। हालांकि अब माहवारी को लेकर सोच में बदलाव आ रहा है। स्वच्छता बरत रहे है। किंतु अभी भी माहवारी के सुरक्षित निपटान के तरीकों की जानकारी बहुत ही कम है।


समर्थ फाउंडेशन की कुमकुम द्वारा बताया गया कि किशोर वर्ग की आयु में शारीरिक बदलाव होेने लगते है। ऐसे में बेटियो को शुरूवात से ही माहवारी शुरु होने के दौरान अच्छी जानकारी दे और उसका मानसिक संबल दे। किसी समस्या होने पर चिकित्सक को दिखाए। माहवारी का औसत चक्र 28 से 29 दिन का होता है। और इसकी अवधि  2 से 7 दिन होती है। हालांकि माहवारी में 80 एमएल से ज्यादा ब्लीडिंग नहीं होनी चाहिए। हर तीन से चार घंटे के अंदर सेनेटरी पैड/कपड़े को बदलना चाहिए।ग्राम बरुआ में आयोजित संगोष्ठी में अर्चना ने कहा कि  पीरियड को लेकर लड़कियो और महिलाओ बात करने में झिझकना नही चाहिए। रघवा में ज्योति ने किशोरियों को जानकारी देते हुए कहा कि यह कुदरती है। इस दौरान बाकी दिनों से ज्यादा स्वच्छता अपनाने की जरूरत होती है। वर्ना इससे संक्रमण होने का खतरा होता है।स्वच्छता का रखे ध्यान, जल एवम स्वच्छता के मुद्दे पर कार्य कर रही समर्थ फाउंडेशन की कुमकुम ने कहा की माहवारी के बारे में किशोरियों, महिलाओ, किशोरों एवम पुरुषों का जागरूक होना जरूरी है। घर एवम बाहर ऐसा माहौल हो जिसमे लोग खुलकर इस पर बात कर सके। यह एक जैविक प्रक्रिया है। इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना जरूरी है।

कि माहवारी के दौरान सूती कपड़ा, सेनेटरी पैड या सेनेटरी कप का इस्तेमाल करें और तीन से चार घंटे में अपना पैड बदल दे। नहाते समय साफ सफाई का विशेष ध्यान रखे। इस्तेमाल किए गए पैड को पेपर या नैपकिन में लपेटकर सुरक्षित तरीके से निपटान करे।  खानपान पर ध्यान दे। किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाए।


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