खेल में हार जीत से अधिक महत्त्व प्रतिभागिता का होता है - मुख्य अतिथि रमेशचंद्र अपर जिलाधिकारी ( वित्त एवं राजस्व )

अजय गुप्ता 

 मां सरस्वती पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ -प्राचार्य डॉ राजकुमार

 हमीरपुर, राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में दो दिवसीय तीसवें वार्षिक क्रीड़ा समारोह का शुभारंभ प्राचार्य डॉ0 राजकुमार के निर्देशन में हर्षोल्लास पूर्वक हुआ । मुख्य अतिथि रमेश चंद्र, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व)एवं विशिष्ट अतिथि शारीरिक शिक्षा के प्राध्यापक डॉ धीरेन्द्र चौहान की गरिमामयी उनकी उपस्थिति में हुआ। कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, प्राचार्य एवं समस्त महाविद्यालय परिवार द्वारा सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण  किया गया। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ0 सबा कौसर द्वारा किया गया।महाविद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इसके बाद क्रीड़ा प्रभारी डॉ0 अशोक बाबू के निर्देशन  में मशाल दौड़ विगत वर्ष की क्रीड़ा चैम्पियन प्राशू सिंह द्वारा किया गया। मार्च पास्ट निशा के नेतृत्व में  महाविद्यालय की छात्राओं ने मुख्य अतिथि को सलामी दी । इसके पश्चात अतिथियों का स्वागत बैज अलंकरण, पुष्पगुच्छ एवं शॉल प्रदान कर किया गया| महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक गण एवं मीडिया कर्मियों का स्वागत बैज अलंकरण, एवं पुष्पगुच्छ द्वारा  किया गया। महाविद्यालय की छात्राओं ने स्वागत नृत्य एवं गणेश वंदना प्रस्तुत किया। इसके पश्चात प्राचार्य डॉ0 राजकुमार ने अपने उद्बोधन में अतिथियों का स्वागत एवं छात्राओं को आशीर्वचन प्रदान करते हुए ओलम्पिक खेलों से हुई साथ ही हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के जीवन की एक घटना की चर्चा करते हुए बताया कि उन्होंने खेल में देश को सर्वोपरि रखते हुए तानाशाह हिटलर का प्रस्ताव ठुकरा दिया | क्रिकेट के भगवन सचिन तेंदुलकर से भी प्रेरणा लेने को कहा तत्पश्चात मुख्य अतिथि माननीय रमेश चंद्र ने अपने उद्बोधन में छात्राओं को आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि खेल में हार जीत से अधिक महत्व प्रतिभागिता का होता है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि खेलों के प्रति लोगों को ग्राम स्तर से लेकर नगर महानगर  स्तर तक जागरूक करने की आवश्यकता है। आबादी के हिसाब से विश्वस्तरीय खेलों में देश का प्रतिनिधित्व बहुत कम है, जिसको बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। इसके पश्चात उन्होंने प्रतिभागियों को खेल के नियमों के प्रति शपथ दिलाई तथा कार्यक्रम के आरंभ की उद्घोषणा की। क्रीड़ा समारोह का आरंभ 100 मी0 दौड़ से हुआ । डॉ0 अशोक बाबू ने समारोह में उपस्थित समस्त अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए सभी को समारोह में उपस्थित होने हेतु धन्यवाद दिया। अंत में मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगणों में श्रीमती मृदुलता सोनकर, नरेश कुमार, लवकुश कुमार, डॉ शालिनी, डॉ स्वाति गुप्ता, डॉ ज्योति यादव शिक्षणेत्तर कर्मचारियों में श्रीमती प्रतिभा, प्रतिमा चौहान, सुषमा कुशवाहा तथा परिचारिका ज्ञानवती ने कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग प्रदान किया वार्षिक क्रीड़ा समारोह में  प्रथम दिवस में 100 मी0 दौड़ ,गोला फेंक, लम्बी कूद, भाला फेंक आदि प्रतियोगिताएं कराई गई, जिसके परिणाम निम्नवत हैं प्रतियोगिता।


प्रथम स्थान,द्वितीय स्थान, तृतीय स्थान, 100 मी0 दौड़ प्रतियोगिता

पूर्णिमा, बी0 ए0 द्वितीय वर्ष

अमृता, एम0 ए0 प्रथम वर्ष

संध्या देवी, बी0 ए0 प्रथम वर्ष

लंबी कूद प्रतियोगिता अमृता ,एम0 ए0 प्रथम वर्ष

पूर्णिमा , बी0 ए0 द्वितीय वर्ष

सुभिक्षा, बी0 ए0 द्वितीय वर्ष

गोला फेंक प्रतियोगिता

सपना, बी0 ए0 तृतीय वर्ष 

खुशबू,  बी0 ए0 प्रथम वर्ष

रेनू, एम0 ए0 प्रथम वर्ष

भाला फेंक प्रतियोगिता

सपना, बी0 ए0 तृतीय वर्ष 

खुशबू,  बी0 ए0 प्रथम वर्ष

सोनम, बी0 ए0 प्रथम वर्ष यह रहे |

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