कानपुर विकास प्राधिकरण अरविन्द सिंह के निर्देश पर प्राधिकरण द्वारा ‘मिशन सीके्रट क्लीन‘ के अन्र्तगत की गयी बड़ी कार्यवाही

आसिफ़ कुरैशी 

उपाध्यक्ष  के निर्देशन में ‘प्रो-एक्टिव स्ट्रेटजी’ अपनाते हुये विगत 1-.5) वर्ष मंे अत्यन्त गोपनीयता बरतते हुये सभी तथ्यों एवं साक्ष्यों का इन्वेस्टिगेशन करते हुये नैर्सिगिक न्याय के तहत सभी पक्षोें को युक्ति-युक्त सुनवाई का अवसर प्रदान किये जाने के पश्चात जुटाये गये साक्ष्यों एवं गवाहो के आधार पर की गयी कार्यवाही


इस सीक्रेट मिशन के अन्तर्गत कपट पूर्ण एवं कूट रचित अभिलेखों के आधार पर प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में स्थित सम्पत्तियों को हड़पने की नीयत से कराये गये नामान्तरण एवं रजिस्ट्री को निरस्त करते हुये दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध प्राधिकरण द्वारा दर्ज करायी गयी एफ0आई0आर0


इस कार्यवाही में संलिप्त कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही करते हुये विभागीय कार्यवाही हेतु शासन को संस्तुति सहित भेजा गया आरोप पत्र



उपाध्यक्ष महोदय के निर्देशन मंे प्राधिकरण द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुये कूटरचित डीड को निरस्त कर, मौके पर कब्जा प्राप्त करते हुये प्राधिकरण का बोर्ड लगाया गया, दोषियों के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गयी एवं माननीय सिविल न्यायालय में डीड निरस्त कराये जाने हेतु दोषियों के विरूद्ध वाद योजित किया गया


*प्राधिकरण द्वारा की गयी इस प्रकार की कार्यवाही से माफियाओं/अपराधियों के हौसले होगें पस्त*


*प्राधिकरण द्वारा पूर्व में की गयी इस प्रकार की कार्यवाहियों को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा भी कई प्रकरणों में उचित ठहराया गया है तथा याचिकाकर्ताओं पर भारी जुर्माना भी अधिरोपित किया जा रहा है*


*उपाध्यक्ष महोदय के निर्देश पर इस प्रकार के प्रकरणों में प्राधिकरण द्वारा चलाया जा रहा ‘मिशन सीके्रट क्लीन‘ आगे भी रहेगा जारी एवं माफियाओं/अपराधियों के विरूद्ध ‘प्रो-एक्टिव स्ट्रेटजी’ के तहत गोपनीय जाॅच करते हुये सम्बन्धितों के विरूद्ध कठोर विधिक कार्यवाही की जायेगी संचालित*


उपाध्यक्ष कानपुर विकास प्राधिकरण श्री अरविन्द सिंह के निर्देश पर प्राधिकरण में विगत 1-1.5) वर्ष से ‘मिशन सीके्रट क्लीन‘ चलाया जा रहा है। जिसके तहत जहाॅ भी दिक्कतें आ रही हैं उसकी पूरी तहकीकात एवं छानबीन करते हुए दस्तावेज एकत्रित किये जाते हंै, गवाहों से सभी साक्ष्य एकत्रित किये जाते हैं तत्पश्चात पूरी कार्यवाही की जाती है जिससे कि माफिया अथवा अपराधी बच न सकें। इस प्रकार के मिशन को गोपनीय ढंग से इस कारण से किये जाते है कि यदि सूचनाएं जांच के दौरान लीक हो जांए तो इससे विधिक दस्तावेज उंदपचनसंजम होने के अवसर अधिक रहते हैं एवं ऐसे अपराधी अथवा माफिया गवाहों को भी प्रलोभन देकर या बरगलाकर जाॅच से विरत कर सकते हैं। 


इस मिशन में ‘प्रो-एक्टिव स्ट्रेटजी’ के तहत सभी साक्ष्य इत्यादि एकत्रित करने के बाद कार्यवाही करने से मा0 उच्च न्यायालय में भी प्राधिकरण को विजय प्राप्त होती है तथा किसी भी स्तर पर माफिया टिक नहीं पाता है। कई पुराने मामलों में पहले से ही कार्यवाही की जा रही है। अभी विगत् दो-तीन माह पूर्व प्राधिकरण की भूमि पर अवैध रूप से गेस्ट हाऊस का निर्माण कर संचालन किया जा रहा था जिसके सम्बन्ध में उपाध्यक्ष महोदय द्वारा दिये गये निर्देशानुसार सभी तथ्यों का अभिलेखीय एवं विधिक परीक्षण करने के पश्चात प्राधिकरण द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करते हुए गेस्ट हाऊस को ध्वस्त कराया गया जिसके विरूद्ध अवैध कब्जेदार द्वारा मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद में भी अवमानना याचिका दायर की गयी जिसे मा0 न्यायालय द्वारा खारिज करते हुए प्राधिकरण द्वारा की गयी कार्यवाही को उचित ठहराया गया। इसी प्रकार ऐसी भूमियाॅ/भूखण्ड जो कि विगत् चालीस-पचास वर्षों से माफियाओं के कब्जे में थे, इनका गोपनीय इन्वेस्टिगेशन कर प्रभावी कार्यवाही की गयी तथा मौके पर भी भौतिक कब्जा लिया गया। इसके अतिरिक्त भी विभिन्न स्थलों पर प्राधिकरण भूमि पर अवैध स्वामित्व हेतु मा0 उच्च न्यायालय में योजित याचिकाओं में प्राधिकरण केस जीत रहा है।


उपाध्यक्ष महोदय द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में इस मिशन व स्ट्रेटजी के तहत प्राधिकरण के विक्रय अनुभागों में भी विगत से 6-8 माह से गोपनीय रूप से इन्वेस्टिगेशन किये जा रहे थे और इन्वेस्टिगेशन में पर्याप्त साक्ष्य एवं तथ्यों व सबूतों के आधार पर जाॅच करते हुए कार्यवाही की गयी है। इस गोपनीय कार्यवाही का ही परिणाम था कि प्राधिकरण द्वारा पहले 1101 आवासीय एवं गैर आवासीय भूखण्डों को आम जनमानस  हेतु आवंटन के लिए निकाला गया तत्पश्चात विभिन्न उपयोगों हेतु 101 गैर आवासीय भूखण्डों को चिन्हित करके आम जनमानस के लिए आवंटन हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये। उपाध्यक्ष महोदय के निर्देशन में प्राधिकरण के विभिन्न विभागों से विस्तृत परीक्षणोंपरान्त होली के पश्चात 500 से अधिक  भूखण्डों के आवंटन हेतु योजना आम जनमानस के हित में लायी जा रही है।



वर्तमान में उपाध्यक्ष महोदय के निर्देशन में विक्रय अनुभाग के विभिन्न जोनो में विगत 06-08 माह से सीक्रेट इन्वेस्टिगेशन किया गया। इस ‘मिशन सीक्रेट क्लीन‘ के तहत की गयी कार्यवाही की विस्तृत रूप रेखा निम्नवत है:-


उपाध्यक्ष महोदय के निर्देश पर लगभग 40-50 वर्षों से जो भूखण्ड कागजों में छिपाकर माफियाओं के दबाव में रखे गये थे ऐसी सभी परतों को साफ करते हुए सीक्रेट मिशन चलाया गया, जिसके क्रम में ऐसे माफियाओं के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। इसमें कई माफियाओं द्वारा प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों के गठजोड से इस तरह के कार्य किये जा रहे थे, उसे भी तोडने का प्रयास इस मिशन के तहत किया गया। इसमें कई प्रकार के मामलें हैं यथा:-

1. कुछ मामलों में प्राइवेट व्यक्तियों ने कुछ पक्षकारों को छिपाकर जालसाजी कर प्राधिकरण के अभिलेखों में अपना नामान्तरण करा लिया था। जिसके तहत कार्यवाही करते हुए मूल पक्षकारों के नाम नामान्तरण दुरूस्त करते हुए कपट/कूटरचना करने वाले माफियाओं के खिलाफ एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गयी है।


2. तथ्यों को छिपाकर किसी अन्य व्यक्ति को बेंचे जा चुके भूखण्डों पर अपना नाम दर्ज कराने की कार्यवाही की गयी है। ऐसे सभी प्रकरणों का विस्तृत इन्वेस्टिगेशन कर अभिलेख दुरूस्त कर लिए गये हैं तथा फर्जीवाड़ा करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जा रही है। 


3. कई मामलों में  imposter के रूप में दूसरे व्यक्तियों के नाम एवं पहचान से फर्जी रजिस्ट्री कराये जाने एवं प्राधिकरण की भूमियों पर कूटरचित अभिलेख के माध्यम से कब्जा करने के प्रकरण सामने आने पर ऐसे तथ्यों की गहन छानबीन करने के पश्चात एवं नैसर्गिक न्याय के तहत सभी पक्षों को सुनवाई का पूर्ण एवं पर्याप्त युक्तियुक्त अवसर प्रदान करने के पश्चात सम्बन्धित भूखण्डों के आवंटन प्राधिकरण द्वारा निरस्त करते हुए संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गयी है एवं डीड निरस्तीकरण हेतु मा0 सिविल न्यायालय में वाद भी योजित कर दिया गया है। मौके पर भी कब्जा प्राधिकरण द्वारा सुनिश्चित कराया गया तथा प्राधिकरण का बोर्ड भी लगवाया गया। अतः इस प्रकार की कार्यवाही से प्राधिकरण को कोई वस्ताविक हानि भी नहीं हुई है।


4. इस मिशन के तहत प्रत्येक दिशा में एक साथ की गयी कार्यवाही से माफियाओं/अपराधियों के गठजोड़ की कमर टूट जाती है। इसमें एक ओर जहाॅ डीड निरस्त करते हुये मौके पर भूखण्ड का कब्जा लिया गया वही दूसरी ओर जमाधन राशि भी जब्त करते हुये दोषियों के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की संगीन धाराओं में एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गयी एवं उनके विरूद्ध माननीय सिविल न्यायालय में वाद योजित किये गये। सम्बन्धित कार्मिकों के विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही करते हुये कठोर विभागीय कार्यवाही हेतु संस्तुति सहित सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध चार्ज शीट शासन को प्रेषित किया।

5. कानपुर विकास प्राधिकरण में पुराने भूखण्डों पर विगत 40-50 वर्षों से माफियाओं का तन्त्र सक्रिय रहा है जिसके विरूद्ध विगत् एक से डेढ वर्षों में कार्यवाही किये जाने से माफियाओं का मनोबल टूटा है। इन्ही कारणों से उपाध्यक्ष महोदय द्वारा दिये गये निर्देश के तहत कानपुर विकास प्राधिकरण में गोपनीय रूप से ‘मिशन सीक्रेट क्लीन‘ चलाते हुये निम्न कार्य किये गयेः-

(अ) प्रमाणिक रूप से इन्वेस्टिगेशन कर साक्ष्य एकत्रित किया जाना।

(ब) इस पूरी प्रक्रिया में गवाह/साक्षी दबाव में न आने पाये इस हेतु गोपनीयता बरतना।

(स) गोपनीय इन्वेस्टिगेशन से पुराने दस्तावेज/पत्रावलियाॅ भी गायब/चोरी होने से बच जाती हैं।

(द) गोपनीय जाॅच होने से पुराने दस्तावेजों में छेड़छाड़ अथवा मैनुपुलेशन भी नहीं हो पाता है।


सबसे बडी बात इस पूरी प्रक्रिया में कूट रचना के बाद भी प्राधिकरण को कोई हानि नहीं हो पायी क्योंकि प्राधिकरण द्वारा समस्त तथ्यों का परीक्षण करने के पश्चात ‘प्रो-एक्टिव स्ट्रेटजी’ के तहत नियमानुसार निम्नलिखित कार्यवाही की गयी:-

(क) *सम्बन्धित भूखण्ड का मौके पर कब्जा प्राप्त कर लिया गया।*


(ख) *मौके पर कानपुर विकास प्राधिकरण का बोर्ड लगा दिया गया ।*


(ग) *सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर प्रदान करने के पश्चात विधिक रूप से निरस्तीकरण की कार्यवाही की गयी।*


(घ) *दोषियों के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की संगीन धाराओं में एफ0आई0आर0 दर्ज करायी गयी, जिसमें उम्रकैद तक के सजा का प्राविधान है।*


(ङ) *मा0 सिविल न्यायालय में डीड निरस्त कराये जाने हेतु दोषीयों के विरूद्ध वाद दर्ज कराये गये।*


(च) *भूखण्ड के एवज में जमा की गयी धनराशि जब्त कर ली गयी।*


(छ) *इन सभी प्रकरणों में संलिप्त प्राधिकरण के लिपिक, लेखाकार, अनुसचिव एवं अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध निलम्बन की कार्यवाही करते हुए कठोर विभागीय कार्यवाही की गई है तथा ऐसे कार्मिक जिनका नियुक्ति प्राधिकारी उ0प्र0 आवास एवं शहरी नियोजन विभाग है, उनके विरूद्ध आरोप पत्र एवं निलम्बन/टर्मिनेशन की संस्तुति आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को प्रेषित की गयी है।*


        उक्त सभी प्रकरणों में प्राधिकरण द्वारा माह जनवरी में ही 24 व्यक्तियों के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज कराने हेतु पुलिस को विभिन्न मामलों में कुल 13 तहरीर प्रेषित की गयी थी। पुनः 04 फरवरी को पुलिस आयुक्त को पत्र पे्रेषित किया गया, जिसके करीब 20 दिन बाद दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध सम्बन्धित थाने द्वारा आई0पी0सी0 की संगीन धाराओं में एफ0आई0आर0 दर्ज की गयी। 


उपाध्यक्ष महोदय के निर्देश पर जिस प्रकार भूमि सम्बन्धी मामलों में प्राधिकरण को सफलता प्राप्त हुई है, उसी प्रकार विक्रय सम्बन्धी मामलों में प्राधिकरण का यह सीक्रेट मिशन सफल रहा है। भूमि खाली कराने में प्राधिकरण द्वारा की गयी कार्यवाही के विरूद्ध किसी भी माफिया को मा0 उच्च न्यायालय से कोई भी सफलता नहीं मिली अपितु मा0 न्यायालय द्वारा कई प्रकरणों में आर्थिक दण्ड भी अधिरोपित किये गये।


इस सीक्रेट मिशन की सफलता इसी से पूर्ण स्पष्ट हो जाती है कि प्राधिकरण द्वारा इस मिशन के तहत संचालित सभी कार्यवाहियां अपनी अन्तिम परिणिति को प्राप्त हो जाने के उपरान्त ही इसकी जानकारी सभी को उजागर हुई। इसी कारण से इस मिशन का विस्तृत विवरण/रूप रेखा उपरोक्तानुसार साझा की जा रही है। 


उपाध्यक्ष महोदय के निर्देश पर इस प्रकार के प्रकरणों में प्राधिकरण द्वारा इस प्रकार की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी एवं माफियाओं/अपराधियों के विरूद्ध ‘प्रो-एक्टिव स्ट्रेटजी’ के तहत गोपनीय जाॅच करते हुये सम्बन्धितों के विरूद्ध कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जायेगी।

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